DAVV New VC: DAVV के नए कुलपति चुने गये प्रोफेसर डॉ. राकेश सिंघई

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मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आदेश जारी कर शिवपुरी के प्रोफेसर राकेश सिंघई को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त कर दिया है। पूर्व कुलपति डॉ. रेणु जैन का कार्यकाल 27 सितंबर को पूरा हो गया था।

 इंदौर (DAVV New VC) मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आज प्रोफेसर डॉ. राकेश सिंघई को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त कर दिया है। प्रोफेसर सिंघई यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शिवपुरी के निदेशक पद पर हैं। पूर्व कुलपति डॉ. रेणू जैन का कार्यकाल 27 सितंबर को पूरा हो गया था।

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में नए कुलपति की नियुक्ति के लिए पिछले दिनों साक्षात्कार प्रक्रिया हुई थी। इसमें इंदौर से भी चार लोग शामिल हुए थे। प्रो. सिंघई ने डीएवीवी की शैक्षणिक प्रतिष्ठा को और बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि मुझे राज्य के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक का कुलगुरु बनाया है। मैं विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करूंगा।

सिंघई ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से ग्रेड ए मान्यता हासिल करने के लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मैं कमियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करूंगा ताकि डीएवीवी नैक से शीर्ष रेटिंग हासिल कर सके।

कब हुए थे साक्षात्कार

बता दें कि 20 सितंबर को चयन समिति ने साक्षात्कार प्रक्रिया रखी थी। इसमें इंदौर के चार उम्मीदवारों सहित दर्जनभर उम्मीदवारों को बुलाया था। दिनभर साक्षात्कार करने के बाद समिति ने तीन नाम लिफाफे में बंद कर राज्यपाल को भेजे थे। शनिवार को इंदौर, वाराणसी और शिवपुरी के उम्मीदवारों को मिलने बुलाया था। विश्वविद्यालय के विकास और विस्तार पर चर्चा की गई। फिर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय के लिए कुलगुरु का चयन किया।

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कब हुआ प्रो. जैन का कार्यकाल समाप्त

कुलगुरु प्रो. रेणु जैन का कार्यकाल 28 सितंबर को समाप्त हो गया है। हालांकि राजभवन ने उन्हें नए कुलगुरु के पदभार ग्रहण करने तक रुकने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में तीन दिन पहले ही आदेश मिल चुका है। वर्ष 2019 में धारा 52 लगाने के बाद छह महीने के लिए प्रो. जैन सेवाएं देने आई थीं। नवंबर 2020 में चार साल के लिए उन्हें विश्वविद्यालय की कमान संभालने का अवसर मिला।

क्या किये वादे

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए स्थानीय कंपनियों से भी अनुबंध पर जोर देंगे। वे कहते है कि इंडस्ट्री की जरूरतों को लेकर कोर्सस बनाएंगे, जो रोजगार में मदद कर सकेंगे। वहीं बाकी कोर्स की समीक्षा करेंगे और उनमें भी रोजगार उपलब्ध करवाएंगे। वे कहते है कि रोजगार के लिए विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को भी निखारा जाएगा। इसके लिए अंग्रेजी-फ्रेंच और जर्मन लैग्वेज शुरू होंगे। कम्युनिकेशन स्कील बढ़ाएंगे।

परीक्षा-रिजल्ट को लेकर भी कहा

उन्होंने कहा कि परीक्षाएं और परिणाम को पटरी पर लाने पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। मूल्यांकन में भी सुधार करेंगे। वे कहते है कि विश्वविद्यालय के रिक्त पदों को जल्द भरा जाएगा। विदेशी संस्थानों के साथ अनुबंध कर शोध को बढ़ाएंगे।

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पहले किस पद पर थे प्रो. सिंघई

प्रो. सिंघई पिछले 34 वर्ष से शिक्षा क्षेत्र से जुड़े है। आरजीपीवी के बोर्ड आफ स्टडीज के भी वे मेम्बर रहे हैं। प्रो. सिंघई के 50 से अधिक शोध पत्रों (रिसर्च पेपर्स) का राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशन हो चुका है। संयुक्त राज्य अमेरिका, क्रोएशिया, स्विटज़रलैंड और जार्डन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रो. सिंघई ने सहभगिता कर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए हैं। पूर्व में प्रो. सिंघई राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के रजिस्ट्रार भी रहे हैं।

नियुक्ति पत्र

DAVV New VC

और जानकारी के लिए विजिट करें Devi Ahilya University Website


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